सनग्लासेस को युवाओं में सबसे कूल एक्सेसरीज माना जाता है लेकिन हर वक्त इसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों को इन्विटेशन देता है. इससे शरीर का सरकेडियन रिदम तो बिगड़ता ही है, साथ में डिप्रेशन और इनसोमिया जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ता है.

सनग्लासेस को युवाओं में सबसे कूल एक्सेसरीज माना जाता है लेकिन जरूरत नहीं पड़ने पर भी लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, इन्हें हर समय पहने रहने से शरीर का सरकेडियन रिदम बिगड़ सकता है और स्वास्थ्य से जुड़े कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. अमूमन सनग्लासेस आंखों को धूप और अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इससे आपके हार्मोन डिस्बैलेंस हो सकते हैं और इनसोमिया और डिप्रेशन जैसी बीमारियों की पकड़ में आ सकते हैं. सनग्लासेस पहनने को लेकर एक्सपर्ट का क्या कहना है? इस बारे में भी जान लीजिए.

ग्रंथि पर पड़ता है बुरा असर

हेल्थ ऑप्टिमाइजिंग बायोहैकर, साइकोलॉजी स्पेशलिस्ट, एंटरप्रेन्योर और ग्लोबल स्पीकर टिम ग्रे का कहना है, ‘हर वक्त सनग्लासेस पहनने से पीनियल ग्रंथि पर इसका बुरा असर पड़ता है जिससे मस्तिष्क को यह सिग्नल जाता है कि बाहर बादल छाए हुए हैं और वह त्वचा को स्किन एक्सपोजर के लिए तैयार रहने से रोक देता है.’

टिम ग्रे ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा, ‘धूप से दिन में सूर्य से एक निश्चित वेवलेंथ आंखों तक पहुंचती है जो पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथि पर असर डालती है और मस्तिष्क को यह सोचने देती है कि बाहर धूप है. इसके बाद स्किन सनलाइट के डायरेक्ट एक्सपोजर के लिए तैयार होती है और विटामिन डी बनाने के लिए तैयार होती है.’

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि सनग्लासेस सरकेडियन रिदम को बिगाड़ सकता है, जिससे स्ट्रेस, इनसोमिया और यहां तक की डिप्रेशन की स्थिति भी आ सकती है.

मूड बदल जाता है

टिम ग्रे ने कहा, ‘सूरज की रोशनी के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि यह ब्रेन में हाइपोथैलेमस को स्टिमुलैट कर आपके हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है जो आपके पीनियल ग्रंथि से जुड़ा हुआ है. एक्सपर्ट का कहना है कि जब आपकी आंखें स्वाभाविक तरीके से सनलाइट एब्जॉर्ब नहीं करती तो आपके हार्मोन साइकिल बदल जाते हैं. इससे आपका बॉडी सिस्टम और मूड बदल जाता है.’

टिम ग्रे ने आगे कहा, ‘इस वजह से आपकी आंखें थकावट से भर जाती है क्योंकि उन्हें नेचुरल लाइट के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. इससे कई बार आंखों की रोशनी पर भी असर पड़ता है. स्कीइंग करते समय, पानी में या ड्राइविंग करते समय धूल से बचने के लिए सनग्लासेस की अपनी भूमिका है लेकिन यह रोजाना या पूरे दिन इस्तेमाल की चीज नहीं है.’

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