भारत की प्रीमियम ट्रेनों में से एक वंदे भारत एक्सप्रेस को लेकर सोशल मीडिया पर एक दावा किया जा रहा है। डॉ. नम्रता दत्ता नाम की एक वेरिफाइड ट्विटर यूजर ने एक फोटो शेयर कर दावा किया है कि वंदे भारत ट्रेन की निर्माण क्वालिटी इतनी बेकार है कि इसकी छत से पानी टपकता है। फोटो में देखा जा सकता है कि लोको पायलट यानी ट्रेन चालक इंजन में छाता खोले बैठा है।

फोटो शेयर कर डॉ. नम्रता दत्ता ने PM मोदी को टैग करते हुए लिखा है- प्रिय @narendramodi कृपया बातें बनाना बंद करें। साफ दिख रहा है कि आप कुछ भी ठीक से करने में सक्षम नहीं हैं। केरल में हुए वंदे भारत के इनॉगरेशन के पहले ही दिन ट्रेन की छत से बारिश का पानी रिसने लगा। एक तस्वीर हजार शब्दों से बढ़कर होती है।

वायरल फोटो का सच क्या है?

हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वंदे भारत एक्सप्रेस के नाम से शेयर की जा रही तस्वीर भ्रामक है। लोको पायलट की इमेज को रिवर्स सर्च करने पर हमें इंग्लिश वेबसाइट इंडिया टाइम्स डॉट कॉम का एक आर्टिकल मिला जो साल 2017 का था। इस आर्टिकल में बताया गया है कि ट्रेन की छत से पानी रिसने का यह वाकया धनबाद, झारखंड के पास का है।

 

11 अगस्त 2017 को पब्लिश हुए इस आर्टिकल में लिखा है कि देश अगले चार दिनों में अपना 70वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है, लेकिन ऐसी घटनाएं हमें 70 साल पीछे धकेल देती हैं। आर्टिकल में रेलवे की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल किया गया है कि- लोको पायलट एक हाथ से छाता पकड़े है और एक हाथ से ट्रेन चला रहा है, क्या इससे क्रू और यात्रियों की सुरक्षा प्रभावित नहीं होती?

इस आर्टिकल में हमें एक ट्वीट भी मिला जो जर्नलिस्ट सुचेता दलाल ने आर्टिकल लिखे जाने से 2 दिन पहले यानी 9 अगस्त 2017 को शेयर किया था। ट्वीट में इस पूरी घटना का वीडियो है जिसे ट्रेन के ही अंदर मौजूद एक शख्स ने बनाया है।

छाता लगाकर चलाई ट्रेन

वायरल फोटो से जुड़े वीडियो में लोको पायलट को छाता लगाकर ट्रेन चलाते हुए देखा गया। इस दौरान साथी पायलट ने पूरी घटना का वीडियो बनाते हुए कहा- यहां पर छत से पानी रिसने के कारण काफी असुविधा होती है। फ्लोर पर बैग रखा जाता है, लेकिन पानी गिरने के कारण बैग को ड्राइवर डेस्क पर रखे हुए हैं।

इस कारण ज्यादा असुविधा हो रही है। इंजन की इस छत से अभी नहीं, कई साल से पानी रिस रहा है। मेंटेनेस द्वारा अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है और बाकी तो आप लोग जानते ही हैं, हमारा देश कैसे चल रहा है। धन्यवाद, इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

वीडियो वंदे भारत नहीं, पैसेंजर ट्रेन का है

2017 में पब्लिश हुई कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि यह वीडियो धनबाद रेल मंडल की पैसेंजर ट्रेन का है। इस घटना से पहले भी धनबाद रेल मंडल के अंतर्गत पैसेंजर ट्रेनों के ड्राइवरों ने ट्रेनों की खस्ता हालत को लेकर शिकायत की थी, लेकिन कोई गौर नहीं कर रहा था। वहीं, ध्यान देने वाली बात यह है कि पहली वंदे भारत ट्रेन साल 2019 में दिल्ली से वाराणसी के बीच चली थी।

 

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