क्रशर के चौकीदार पर जानलेवा हमला व चोरी

रायगढ़, 8 मार्च। क्रशर के चौकीदार पर रॉड से जानलेवा कर मोबाईल और बैटरी चोरी करने वाले तीन आरोपियों को अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास और जुर्माने से दंडित किया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि खरसिया में रहने वाले हिमांशु अग्रवाल का बकेली में क्रेशर है जिसमें कोरबा जिले के सलियाभांठा का रहने वाला पुरूषोत्तम भारद्वाज चौकीदारी का काम करता है। 29 जुलाई 2022 को वह के्रशर में था इसी बीच रात करीब साढ़े 12 बजे पुरूषोत्तम के पिता भगवत लाल ने फोन कर बताया कि पुरूषोत्तम की हालत बहुत गंभीर है उसके शरीर से खून बह रहा है। इस सूचना के आधार पर हिमांशु अग्रवाल अपने पिता अशोक अग्रवाल के साथ मौके पर पहुंचा जहां पुरूषोत्तम बेसुध पड़ा हुआ था। इस दौरान उससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि रात करीब 11 से साढ़े 11 बजे के बीच बकेली गांव के ही अनिल यादव, भूषण सिदार, पुष्पेन्द्र के्रशर में लूटपाट के उद्देश्य से आये और उन्होंने मिलकर लोहे के राड से उसके सिर पर हमला कर दिया साथ ही साथ उसके शरीर के अन्य हिस्सों में भी चोट आई है। तीनों ने मिलकर चौकीदार को उठाकर पास ही स्थित नाले में फेंक दिया और फिर मोबाईल व टै्रक्टर की बैटरी लेकर भाग गए। उसके बाद पुरूषोत्तम को खरसिया अस्पताल में भर्ती कराते हुए आरोपियों के खिलाफ खरसिया थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया गया। खरसिया पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 394, 34 के तहत अपराध दर्ज कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। विवेचना के समस्त औपचारिकताओं को पूर्ण करने के बाद मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जहां उपार्पण आदेश पश्चात 13 अक्टूबर 2022 को प्रकरण सत्र न्यायालय को विचारण हेतु उपार्पित किया गया। जहां सत्र न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार ठाकुर ने इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात सभी आरोपियों को धारा 307, 34 तथा धारा 394, 34 के तहत दोष सिद्ध मानकर 7-7 वर्ष के सश्रम कारावास और एक-एक हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। आदेश में दोनों सजाएं साथ में चलने तथा अर्थदण्ड न पटाने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास अभियुक्तों को भुगताने का प्रावधान किया गया है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विमला महंत ने पैरवी की।

क्रशर के चौकीदार पर जानलेवा हमला व चोरी
रायगढ़, 8 मार्च। क्रशर के चौकीदार पर रॉड से जानलेवा कर मोबाईल और बैटरी चोरी करने वाले तीन आरोपियों को अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास और जुर्माने से दंडित किया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि खरसिया में रहने वाले हिमांशु अग्रवाल का बकेली में क्रेशर है जिसमें कोरबा जिले के सलियाभांठा का रहने वाला पुरूषोत्तम भारद्वाज चौकीदारी का काम करता है। 29 जुलाई 2022 को वह के्रशर में था इसी बीच रात करीब साढ़े 12 बजे पुरूषोत्तम के पिता भगवत लाल ने फोन कर बताया कि पुरूषोत्तम की हालत बहुत गंभीर है उसके शरीर से खून बह रहा है। इस सूचना के आधार पर हिमांशु अग्रवाल अपने पिता अशोक अग्रवाल के साथ मौके पर पहुंचा जहां पुरूषोत्तम बेसुध पड़ा हुआ था। इस दौरान उससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि रात करीब 11 से साढ़े 11 बजे के बीच बकेली गांव के ही अनिल यादव, भूषण सिदार, पुष्पेन्द्र के्रशर में लूटपाट के उद्देश्य से आये और उन्होंने मिलकर लोहे के राड से उसके सिर पर हमला कर दिया साथ ही साथ उसके शरीर के अन्य हिस्सों में भी चोट आई है। तीनों ने मिलकर चौकीदार को उठाकर पास ही स्थित नाले में फेंक दिया और फिर मोबाईल व टै्रक्टर की बैटरी लेकर भाग गए। उसके बाद पुरूषोत्तम को खरसिया अस्पताल में भर्ती कराते हुए आरोपियों के खिलाफ खरसिया थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया गया। खरसिया पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 394, 34 के तहत अपराध दर्ज कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। विवेचना के समस्त औपचारिकताओं को पूर्ण करने के बाद मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जहां उपार्पण आदेश पश्चात 13 अक्टूबर 2022 को प्रकरण सत्र न्यायालय को विचारण हेतु उपार्पित किया गया। जहां सत्र न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार ठाकुर ने इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात सभी आरोपियों को धारा 307, 34 तथा धारा 394, 34 के तहत दोष सिद्ध मानकर 7-7 वर्ष के सश्रम कारावास और एक-एक हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। आदेश में दोनों सजाएं साथ में चलने तथा अर्थदण्ड न पटाने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास अभियुक्तों को भुगताने का प्रावधान किया गया है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विमला महंत ने पैरवी की।