ग़ज़ा में संघर्ष विराम को लेकर इसराइल की सरकार में मतभेद, अमेरिका ने कहा...

ग़ज़ा में संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई के लिए समझौते को लेकर इसराइली सरकार के मंत्रियों के बीच मतभेद सामने आ रहे हैं. हाल के दिनों में ग़ज़ा में संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास तेज़ हुए हैं. इसी बीच इसराइल की वॉर कैबिनेट में शामिल बेनी गैंट्ज ने कहा है कि अगर इसराइल की सरकार बंधकों की रिहाई के समझौते को रोकती है तो उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं रह जाएगा. वहीं दूसरी तरफ़, सरकार में वित्त मंत्री और दक्षिणपंथी नेता बेज़ालेल स्मोटरिच ने कहा है कि अगर सरकार ऐसे किसी समझौते के लिए तैयार होती है तो ये एक शर्मनाक आत्मसमर्पण होगा. उन्होंने कहा कि अगर रफ़ाह पर इसराइल का नियोजित हमला टाल दिया जाता है तो मौजूदा सरकार को जारी नहीं रहना चाहिए. इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा है कि इसराइल ने अमेरिका को भरोसा दिया है कि वह रफ़ाह पर हमले को लेकर उसकी चिंताओं पर चर्चा से पहले आक्रमण नहीं करेगा. ग़ज़ा में जारी संघर्ष को लेकर फ़लस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने कहा है कि सिर्फ़ अमेरिका ही इस समय रफ़ाह पर इसराइल के हमले को रोक सकता है. महमूद अब्बास इस समय रियाद में हैं जहां उनकी अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाक़ात होनी है. रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम की बैठक में बोलते हुए अब्बास ने कहा कि रफ़ाह पर इसराइल का हमला ग़ज़ा के लोगों को ग़ज़ा छोड़कर भागने पर मजबूर कर देगा. अब्बास ने कहा, अगर ऐसा हुआ तो फ़लस्तीनी लोगों के इतिहास की यह सबसे बड़ी त्रासदी साबित होगी. ग़ज़ा के दक्षिण में स्थित रफ़ाह शहर पर इसराइली हमले को रोकने के लिए इसराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास हो रहे हैं. रफ़ाह शहर में इस समय करीब दस लाख से अधिक लोग रह रहे हैं, इनमें से अधिकतर ग़ज़ा के बाक़ी हिस्सों से भागकर यहां पहुंचे हैं. इसी बीच, हमास ने बताया है कि सोमवार को उसका एक प्रतिनिधिमंडल मिस्र की राजधानी क़ाहिरा पहुंचेगा, जहां वह इसराइल के नए संघर्ष विराम प्रस्ताव पर हमास का जवाब पेश करेगा. हमास चाहता है कि ग़ज़ा में युद्ध पूर्ण रूप से समाप्त हो और ग़ज़ा से सभी इसराइली सैनिक वापस जाएं. वहीं इसराइल, ग़ज़ा में हमास के ख़ात्मे और सभी बंधकों की रिहाई पर ज़ोर देता है.(bbc.com/hindi)

ग़ज़ा में संघर्ष विराम को लेकर इसराइल की सरकार में मतभेद, अमेरिका ने कहा...
ग़ज़ा में संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई के लिए समझौते को लेकर इसराइली सरकार के मंत्रियों के बीच मतभेद सामने आ रहे हैं. हाल के दिनों में ग़ज़ा में संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास तेज़ हुए हैं. इसी बीच इसराइल की वॉर कैबिनेट में शामिल बेनी गैंट्ज ने कहा है कि अगर इसराइल की सरकार बंधकों की रिहाई के समझौते को रोकती है तो उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं रह जाएगा. वहीं दूसरी तरफ़, सरकार में वित्त मंत्री और दक्षिणपंथी नेता बेज़ालेल स्मोटरिच ने कहा है कि अगर सरकार ऐसे किसी समझौते के लिए तैयार होती है तो ये एक शर्मनाक आत्मसमर्पण होगा. उन्होंने कहा कि अगर रफ़ाह पर इसराइल का नियोजित हमला टाल दिया जाता है तो मौजूदा सरकार को जारी नहीं रहना चाहिए. इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा है कि इसराइल ने अमेरिका को भरोसा दिया है कि वह रफ़ाह पर हमले को लेकर उसकी चिंताओं पर चर्चा से पहले आक्रमण नहीं करेगा. ग़ज़ा में जारी संघर्ष को लेकर फ़लस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने कहा है कि सिर्फ़ अमेरिका ही इस समय रफ़ाह पर इसराइल के हमले को रोक सकता है. महमूद अब्बास इस समय रियाद में हैं जहां उनकी अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाक़ात होनी है. रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम की बैठक में बोलते हुए अब्बास ने कहा कि रफ़ाह पर इसराइल का हमला ग़ज़ा के लोगों को ग़ज़ा छोड़कर भागने पर मजबूर कर देगा. अब्बास ने कहा, अगर ऐसा हुआ तो फ़लस्तीनी लोगों के इतिहास की यह सबसे बड़ी त्रासदी साबित होगी. ग़ज़ा के दक्षिण में स्थित रफ़ाह शहर पर इसराइली हमले को रोकने के लिए इसराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास हो रहे हैं. रफ़ाह शहर में इस समय करीब दस लाख से अधिक लोग रह रहे हैं, इनमें से अधिकतर ग़ज़ा के बाक़ी हिस्सों से भागकर यहां पहुंचे हैं. इसी बीच, हमास ने बताया है कि सोमवार को उसका एक प्रतिनिधिमंडल मिस्र की राजधानी क़ाहिरा पहुंचेगा, जहां वह इसराइल के नए संघर्ष विराम प्रस्ताव पर हमास का जवाब पेश करेगा. हमास चाहता है कि ग़ज़ा में युद्ध पूर्ण रूप से समाप्त हो और ग़ज़ा से सभी इसराइली सैनिक वापस जाएं. वहीं इसराइल, ग़ज़ा में हमास के ख़ात्मे और सभी बंधकों की रिहाई पर ज़ोर देता है.(bbc.com/hindi)