निजी पंजीकृत वास्तुविद, इंजीनियर व पर्यवेक्षक के विरूद्ध कार्रवाई

भवन निर्माण अनुज्ञा प्रकरणों में बकाया, 31 लोगों का आईडी बंद एवं लाईसेंस रद्द राजनांदगांव, 23 फरवरी। शासन निर्देशानुसार 5 हजार वर्गफीट आवासीय भवनों में 1 रुपए प्रक्रिया शुल्क में जारी डायरेक्ट भवन अनुज्ञा के प्रकरणों में निर्धारित प्रभार्य शुल्क तथा डायरेक्ट भवन अनुज्ञा के अतिरिक्त अन्य प्रकरणों में विकास शुल्क के रूप में जमा होने वाली अदायगी राशि निगम कोष में जमा नहीं करने के कारण निगम आयुक्त अभिषेक गुप्ता ने 31 निजी पंजीकृत वास्तुविद, इंजीनियर एवं पर्यवेक्षक के अनुज्ञप्ति को रद्द कर उनकी आईडी बंद करने तथा भवन अनुज्ञा आवेदन सदा के लिए प्रतिबंधित करने आदेश जारी किया है। नगर निगम आयुक्त गुप्ता ने बताया कि शासन द्वारा नागरिकों को भवन निर्माण में सुविधा प्रदान करने 1 रुपए प्रक्रिया शुल्क में डायरेक्ट भवन अनुज्ञा देने का प्रावधान किया है। प्रावधान अनुसार मकान निर्माण करने पंजीकृत वास्तुविद के माध्यम से लोग भवन अनुज्ञा लेने आवेदन कर रहे हैं। वास्तुविद इंजीनियर भवन अनुज्ञा आवेदन करने भूखंड स्वामी का अधिकृत आवेदक होता है, अधिकृत आवेदक होने के नाते यथा प्रक्रिया अनुसार प्रभार्य शुल्कों का भुगतान कराना था, लेकिन कतिपय वास्तुविद इंजीनियर व पर्यवेक्षक द्वारा लापरवाही बरता गया, जिस पर उन्हें 5 जनवरी 2024 एवं 31 जनवरी 2024 को नोटिस जारी किया गया। नोटिस उपरांत भी 1 माह पश्चात उनके द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई, जो नियम विरूद्ध हैै। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा 5 हजार वर्गफीट आवासीय भवनों में 1 रुपए प्रक्रिया शुल्क पर जारी डायरेक्ट भवन निर्माण अनुज्ञा के प्रकरणों में आवेदक/भूखंड स्वामी द्वारा भवन निर्माण अनुज्ञा हेतु आवश्यक शुल्क भवन अनुज्ञा शुल्क, विकास शुल्क, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, श्रमिक उपकर व अन्य प्रभावी शुल्क राशि 94 लाख 57 हजार 5 सौ 23 रुपए तथा डायरेक्ट भवन अनुज्ञा के अतिरिक्त अन्य प्रकरणो में विकास शुल्क के रूप में जमा होने वाले बकाया अदायगी राशि 1 करोड़ 56 लाख 68 हजार 71 रुपए निगम कोष में जमा नहीं किया गया। जिससे निकाय को 2 करोड 51 लाख 25 हजार 594 रुपए की वित्तीय क्षति हुई, जिस पर कार्रवाई करते उनका लाइसेंस रद्द किया जा रहा है। आयुक्त ने बताया कि भवन अनुज्ञा के प्रकरणों में नोटिस उपरांत 30 दिवस बीत जाने के बावजूद भी 31 वास्तुविद इंजीनियर व पर्यवेक्षक के द्वारा भवन अनुज्ञा शुल्क सहित अन्य आवश्यक शुल्क जमा करने में कोई रूचि नहीं ली गयी, न ही अपने स्तर पर किसी प्रकार की कार्रवाई से अवगत कराया और न ही किसी प्रकार का जवाब प्रस्तुत किया गया है, जो कि छग नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 366 व छग भूमि विकास नियम 1984 तथा भवन अनुज्ञा आवेदन के दौरान निष्पादित शपथ पत्र का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है। उन्होंने बताया उनके इस कृत्य पर छग भूमि विकास नियम 1984 के नियम 26 के तहत प्रदत्त आर्किटेक्ट/इंजीनियर/पर्यवेक्षक के लाइसेंस को रद्द कर उनका नाम भविष्य में काली सूची में दर्ज कर आईडी को बंद करते नगर पालिक निगम राजनांदगांव में भवन अनुज्ञा आवेदन करने सदा के लिए प्रतिबंधित का आदेश जारी किया गया है।

निजी पंजीकृत वास्तुविद, इंजीनियर व पर्यवेक्षक के विरूद्ध कार्रवाई
भवन निर्माण अनुज्ञा प्रकरणों में बकाया, 31 लोगों का आईडी बंद एवं लाईसेंस रद्द राजनांदगांव, 23 फरवरी। शासन निर्देशानुसार 5 हजार वर्गफीट आवासीय भवनों में 1 रुपए प्रक्रिया शुल्क में जारी डायरेक्ट भवन अनुज्ञा के प्रकरणों में निर्धारित प्रभार्य शुल्क तथा डायरेक्ट भवन अनुज्ञा के अतिरिक्त अन्य प्रकरणों में विकास शुल्क के रूप में जमा होने वाली अदायगी राशि निगम कोष में जमा नहीं करने के कारण निगम आयुक्त अभिषेक गुप्ता ने 31 निजी पंजीकृत वास्तुविद, इंजीनियर एवं पर्यवेक्षक के अनुज्ञप्ति को रद्द कर उनकी आईडी बंद करने तथा भवन अनुज्ञा आवेदन सदा के लिए प्रतिबंधित करने आदेश जारी किया है। नगर निगम आयुक्त गुप्ता ने बताया कि शासन द्वारा नागरिकों को भवन निर्माण में सुविधा प्रदान करने 1 रुपए प्रक्रिया शुल्क में डायरेक्ट भवन अनुज्ञा देने का प्रावधान किया है। प्रावधान अनुसार मकान निर्माण करने पंजीकृत वास्तुविद के माध्यम से लोग भवन अनुज्ञा लेने आवेदन कर रहे हैं। वास्तुविद इंजीनियर भवन अनुज्ञा आवेदन करने भूखंड स्वामी का अधिकृत आवेदक होता है, अधिकृत आवेदक होने के नाते यथा प्रक्रिया अनुसार प्रभार्य शुल्कों का भुगतान कराना था, लेकिन कतिपय वास्तुविद इंजीनियर व पर्यवेक्षक द्वारा लापरवाही बरता गया, जिस पर उन्हें 5 जनवरी 2024 एवं 31 जनवरी 2024 को नोटिस जारी किया गया। नोटिस उपरांत भी 1 माह पश्चात उनके द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई, जो नियम विरूद्ध हैै। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा 5 हजार वर्गफीट आवासीय भवनों में 1 रुपए प्रक्रिया शुल्क पर जारी डायरेक्ट भवन निर्माण अनुज्ञा के प्रकरणों में आवेदक/भूखंड स्वामी द्वारा भवन निर्माण अनुज्ञा हेतु आवश्यक शुल्क भवन अनुज्ञा शुल्क, विकास शुल्क, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, श्रमिक उपकर व अन्य प्रभावी शुल्क राशि 94 लाख 57 हजार 5 सौ 23 रुपए तथा डायरेक्ट भवन अनुज्ञा के अतिरिक्त अन्य प्रकरणो में विकास शुल्क के रूप में जमा होने वाले बकाया अदायगी राशि 1 करोड़ 56 लाख 68 हजार 71 रुपए निगम कोष में जमा नहीं किया गया। जिससे निकाय को 2 करोड 51 लाख 25 हजार 594 रुपए की वित्तीय क्षति हुई, जिस पर कार्रवाई करते उनका लाइसेंस रद्द किया जा रहा है। आयुक्त ने बताया कि भवन अनुज्ञा के प्रकरणों में नोटिस उपरांत 30 दिवस बीत जाने के बावजूद भी 31 वास्तुविद इंजीनियर व पर्यवेक्षक के द्वारा भवन अनुज्ञा शुल्क सहित अन्य आवश्यक शुल्क जमा करने में कोई रूचि नहीं ली गयी, न ही अपने स्तर पर किसी प्रकार की कार्रवाई से अवगत कराया और न ही किसी प्रकार का जवाब प्रस्तुत किया गया है, जो कि छग नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 366 व छग भूमि विकास नियम 1984 तथा भवन अनुज्ञा आवेदन के दौरान निष्पादित शपथ पत्र का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है। उन्होंने बताया उनके इस कृत्य पर छग भूमि विकास नियम 1984 के नियम 26 के तहत प्रदत्त आर्किटेक्ट/इंजीनियर/पर्यवेक्षक के लाइसेंस को रद्द कर उनका नाम भविष्य में काली सूची में दर्ज कर आईडी को बंद करते नगर पालिक निगम राजनांदगांव में भवन अनुज्ञा आवेदन करने सदा के लिए प्रतिबंधित का आदेश जारी किया गया है।