बाल विवाह मुक्त अभियान, निकाली जागरूकता रैली

छत्तीसगढ़ संवाददाता कोण्डागांव, 1 मई। जिले में बाल विवाह मुक्त कोण्डागांव अभियान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 1 मई को कोण्डागांव क्षेत्र के विभिन्न स्थलों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा उपस्थित ग्रामीणों को बाल विवाह रोकथाम की शपथ दिलाई गई, साथ ही रैली का आयोजन करते हुएदीवार लेखन का कार्य महत्वपूर्ण चौक चौराहों के विभिन्न स्थानों पर किया गया। जिसमें बाल विवाह रोकने संबंधी नारा जैसे पढऩे लिखने का उम्र है बाल विवाह जुर्म है। पहले पढ़ाई फिर विदाई, अभी-अभी तो हुआ सवेरा, धूप तनीक बढ़ जाने दो, अभी ब्याहने की क्या जल्दी थोड़ा पढ़ लिख जाने दो नारों का लेखन किया गया। आंगनबाड़ी केन्द्र में कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह रोकने हेतु ग्रामीणों को विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, दण्ड के प्रावधान, बाल विवाह के दुष्परिणाम से अवगत कराते हुए बाल विवाह न करने की समझाईश दी गई। विभाग द्वारा लोगों से किसी भी बाल विवाह की सूचना मिलने पर ग्राम सरपंच, पटवारी, सचिव, आगनवाड़ी कार्यकर्ता, मितानीन एवं समूह के अध्यक्ष एवं सदस्यों के द्वारा संयुक्त दल बनाकर विवाह स्थल में पहुंचकर बालक-बालिका के जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड एवं शैक्षणिक दस्तावेजों का निरीक्षण करते हुए बाल विवाह पर रोक लगाने हेतु अनुरोध किया गया।

बाल विवाह मुक्त अभियान, निकाली जागरूकता रैली
छत्तीसगढ़ संवाददाता कोण्डागांव, 1 मई। जिले में बाल विवाह मुक्त कोण्डागांव अभियान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 1 मई को कोण्डागांव क्षेत्र के विभिन्न स्थलों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा उपस्थित ग्रामीणों को बाल विवाह रोकथाम की शपथ दिलाई गई, साथ ही रैली का आयोजन करते हुएदीवार लेखन का कार्य महत्वपूर्ण चौक चौराहों के विभिन्न स्थानों पर किया गया। जिसमें बाल विवाह रोकने संबंधी नारा जैसे पढऩे लिखने का उम्र है बाल विवाह जुर्म है। पहले पढ़ाई फिर विदाई, अभी-अभी तो हुआ सवेरा, धूप तनीक बढ़ जाने दो, अभी ब्याहने की क्या जल्दी थोड़ा पढ़ लिख जाने दो नारों का लेखन किया गया। आंगनबाड़ी केन्द्र में कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह रोकने हेतु ग्रामीणों को विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, दण्ड के प्रावधान, बाल विवाह के दुष्परिणाम से अवगत कराते हुए बाल विवाह न करने की समझाईश दी गई। विभाग द्वारा लोगों से किसी भी बाल विवाह की सूचना मिलने पर ग्राम सरपंच, पटवारी, सचिव, आगनवाड़ी कार्यकर्ता, मितानीन एवं समूह के अध्यक्ष एवं सदस्यों के द्वारा संयुक्त दल बनाकर विवाह स्थल में पहुंचकर बालक-बालिका के जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड एवं शैक्षणिक दस्तावेजों का निरीक्षण करते हुए बाल विवाह पर रोक लगाने हेतु अनुरोध किया गया।