युवा खेती से जुड़ेगा, तभी देश खुशहाल होगा-संभागायुक्त

रेडियो किसान दिवस पर सरगंवा में जुटे कृषि विज्ञानी व किसान छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर,16 फरवरी। रेडियो किसान दिवस पर आकाशवाणी अंबिकापुर द्वारा अंबिकापुर विकासखंड के ग्राम पंचायत सरगंवा में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में बड़ी संख्या में कृषि विज्ञानी, कृषि अधिकारी, जनप्रतिनिधि, प्रगतिशील कृषक, नवाचारी महिला कृषक, पशुपालन विभाग के अधिकारी, पशु चिकित्सक शामिल हुए। सभी ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और खेती को बढ़ावा देने अपनी अपनी बातें रखी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सरगुजा के आयुक्त जीआर चुरेंद्र थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के राष्ट्रीय निदेशक व भाजपा जिला उपाध्यक्ष अंबिकेश केसरी ने की। संभाग आयुक्त जीआर चुरेंद्र ने कहा कि रेडियो ने वर्षों से जनमानस में चेतना जागृत करने का काम किया है। रेडियो के माध्यम से कृषि वैज्ञानिकों ने जो तकनीक खेती की शुरू की वह आम किसानों तक पहुंची है। रेडियो का प्रसार क्षेत्र आज भी सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने भारत को विकसित करने का सपना देखा है। इस दिशा में देश में खेती पर नवाचार चल रहे हैं जिसमें सफलता भी मिल रही है। इस संकल्पना को और भी आगे बढ़ाने की जरूरत है। इसमें युवा किसान, नवाचार करने वाले किसान, महिला किसान, कृषि विज्ञानी, अधिकारी, कर्मचारी, छात्र सभी को संकल्पित होने की जरूरत है ताकि हमारा देश विकसित हो सके। हर युवा खेती से जुड़ेगा, तभी देश खुशहाल होगा। देश की तरक्की का द्वार खोलने वाला किसान ही है। किसान तरक्की करेगा तो देश तरक्की करेगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत को सफल बनाने आप सभी अपना योगदान दें।देश व प्रदेश के मुखिया जब 18-18 घंटे काम करते हैं तो आप हम यह काम क्यों नहीं करते। आज हर व्यक्ति में कर्मठता की जरूरत है जिसमें कर्मठता होगी वह आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जागरूक रहने, प्रगतिशील रहने से ही हर क्षेत्र में विकास होगा। उन्होंने कहा कि खेती को बढ़ावा देने भारत सरकार कई कार्य योजना संचालित कर रहा है।एक समय था जब किसान कर्ज के तले मर जाता था पर आज ऐसी स्थिति नहीं है। आधुनिक खेती ने किसानों को खुशहाल बनाया है। सरकारी योजनाओं ने किसानों को मदद की है। उन्होंने कहा कि अब जैविक खेती की ओर आगे बढऩे की जरूरत है। हमें जंगल बचाने होंगे,हमें प्राकृतिक खेती के तरीके को फिर से वापस लाना होगा। एक गाय पाल कर हम एक एकड़ खेत को जैविक उर्वरता से भरपूर बना सकते हैं। अंबिकेश केसरी ने कहा कि रेडियो सबसे पुराना इंटरनेट मीडिया है। आकाशवाणी केंद्र द्वारा उन्नत कृषि की नई तकनीक की जानकारी रेडियो से ही मिलती है। प्रधानमंत्री ने लाल किला से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने कहा है। हमें इस दिशा में काम करने की जरूरत है। हम हाइब्रिड अनाज प्रति एकड़ 35 क्विंटल पैदा कर रहे हैं पर हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि हमारे पोशक और मोटे अनाज कोदो, कुटकी विलुप्त न हो जाएं। उसकी गुणवत्ता को बनाए रखना, विलुप्त होने से बचाने का काम किसान ही कर सकता है। उन्होंने महिलाओं को कृषि की ओर कदम बढ़ाने पर प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कृषि की ओर हम आगे बढ़ रहे हैं। कृषि सबसे बड़ा रोजगार देने वाला साधन है। हम अधिक से अधिक महिलाओं को खेती से जोड़े, इससे सबका भला होगा। उन्होंने कहा कि हम अपने लिए बीमा करते हैं पर अपनी खेती, अपने कृषि उपकरण के बारे में नहीं सोचते। हमें अपने कृषि उपकरण, अपनी खेती का बीमा जरूर करना चाहिए ताकि हमें क्षतिपूर्ति मिल सके। कार्यक्रम को आकाशवाणी अंबिकापुर के कार्यक्रम प्रमुख प्रमेंद्र कुमार ने संबोधित किया और रेडियो किसान दिवस के साथ आकाशवाणी अंबिकापुर द्वारा कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम किसानवाणी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम को कृषि कृषि महाविद्यालय व अनुसंधान केंद्र अजिरमा के अधिष्ठाता डा एसके सिन्हा ने संबोधित किया। उन्होंने मक्के की खेती पर विस्तार से जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र अंबिकापुर के प्रभारी डॉ राजेश चौकसे ने प्राकृतिक खेती पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की। पशु चिकित्सक व सहायक परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सरगुजा डॉ. सीके मिश्रा ने बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान से होने वाले लाभ और यहां का नवाचार पूरे प्रदेश में लागू होने की जानकारी प्रदान की। युवा कृषक हर्षित शुक्ला ने नवीनतम कृषि उपकरणों व खेती की नई तकनीक से अवगत कराया। प्रगतिशील किसान नीलम शर्मा ने खेती की नई तकनीक व टपक सिंचाई से सरसों की खेती से संबंधित जानकारी दी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन लाइवलीहुड के माध्यम से सफलता प्राप्त करने वाली सीमा व सरस्वती ने कार्यक्रम में सफलता की कहानी बताई। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। सरस्वती वंदना आकाशवाणी के चौपाल अनुभाग के देवेंद्र दास सोनवानी ने प्रस्तुत की।देशभक्ति गीत की प्रस्तुति आकाशवाणी के कंपेयर अंजनी कुमार पांडेय ने दी। कार्यक्रम में आए अतिथियों का चौपाल अनुभाग के सभी कंपेयर ने पुष्प गुच्छ से सम्मानित किया। सभी का शाल श्रीफल से कार्यक्रम प्रमुख प्रमेंद्र कुमार ने अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन चौपाल अनुभाग से जुड़े प्रशांत खमरिया ने किया। आभार प्रदर्शन आकाशवाणी अंबिकापुर के उप निदेशक अभियांत्रिकी शांति रंजन दत्ता ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में कृषि उपसंचालक डा अरुण सिंह,डा अजय अग्रवाल, सरगंवा की सरपंच मीना हरिना, उप सरपंच मनीष ली, डॉ. प्रशांत कुमार शर्मा, सरगंवा के प्रभारी प्राचार्य संजीव सिंह, व्याख्याता दिनेश सिंह, मशरूम खेती करने वाली महिला कृषक निशा लकड़ा, नवाचारी कृषक गजला प्रवीन, पशु चिकित्सा विभाग से उमेश कुशवाहा, वाड्रफनगर के नवाचारी कृषक रामलाल लहरे,कृषि अधिकारी एनके आइच, आकाशवाणी से जुड़े अनंगपाल दीक्षित, वशिष्ठ सिंह यादव ,एस धर्मेंद्र नायडू, अंजुम शमीम, धनंजय मि

युवा खेती से जुड़ेगा, तभी देश खुशहाल होगा-संभागायुक्त
रेडियो किसान दिवस पर सरगंवा में जुटे कृषि विज्ञानी व किसान छत्तीसगढ़ संवाददाता अंबिकापुर,16 फरवरी। रेडियो किसान दिवस पर आकाशवाणी अंबिकापुर द्वारा अंबिकापुर विकासखंड के ग्राम पंचायत सरगंवा में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में बड़ी संख्या में कृषि विज्ञानी, कृषि अधिकारी, जनप्रतिनिधि, प्रगतिशील कृषक, नवाचारी महिला कृषक, पशुपालन विभाग के अधिकारी, पशु चिकित्सक शामिल हुए। सभी ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और खेती को बढ़ावा देने अपनी अपनी बातें रखी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सरगुजा के आयुक्त जीआर चुरेंद्र थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के राष्ट्रीय निदेशक व भाजपा जिला उपाध्यक्ष अंबिकेश केसरी ने की। संभाग आयुक्त जीआर चुरेंद्र ने कहा कि रेडियो ने वर्षों से जनमानस में चेतना जागृत करने का काम किया है। रेडियो के माध्यम से कृषि वैज्ञानिकों ने जो तकनीक खेती की शुरू की वह आम किसानों तक पहुंची है। रेडियो का प्रसार क्षेत्र आज भी सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने भारत को विकसित करने का सपना देखा है। इस दिशा में देश में खेती पर नवाचार चल रहे हैं जिसमें सफलता भी मिल रही है। इस संकल्पना को और भी आगे बढ़ाने की जरूरत है। इसमें युवा किसान, नवाचार करने वाले किसान, महिला किसान, कृषि विज्ञानी, अधिकारी, कर्मचारी, छात्र सभी को संकल्पित होने की जरूरत है ताकि हमारा देश विकसित हो सके। हर युवा खेती से जुड़ेगा, तभी देश खुशहाल होगा। देश की तरक्की का द्वार खोलने वाला किसान ही है। किसान तरक्की करेगा तो देश तरक्की करेगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत को सफल बनाने आप सभी अपना योगदान दें।देश व प्रदेश के मुखिया जब 18-18 घंटे काम करते हैं तो आप हम यह काम क्यों नहीं करते। आज हर व्यक्ति में कर्मठता की जरूरत है जिसमें कर्मठता होगी वह आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जागरूक रहने, प्रगतिशील रहने से ही हर क्षेत्र में विकास होगा। उन्होंने कहा कि खेती को बढ़ावा देने भारत सरकार कई कार्य योजना संचालित कर रहा है।एक समय था जब किसान कर्ज के तले मर जाता था पर आज ऐसी स्थिति नहीं है। आधुनिक खेती ने किसानों को खुशहाल बनाया है। सरकारी योजनाओं ने किसानों को मदद की है। उन्होंने कहा कि अब जैविक खेती की ओर आगे बढऩे की जरूरत है। हमें जंगल बचाने होंगे,हमें प्राकृतिक खेती के तरीके को फिर से वापस लाना होगा। एक गाय पाल कर हम एक एकड़ खेत को जैविक उर्वरता से भरपूर बना सकते हैं। अंबिकेश केसरी ने कहा कि रेडियो सबसे पुराना इंटरनेट मीडिया है। आकाशवाणी केंद्र द्वारा उन्नत कृषि की नई तकनीक की जानकारी रेडियो से ही मिलती है। प्रधानमंत्री ने लाल किला से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने कहा है। हमें इस दिशा में काम करने की जरूरत है। हम हाइब्रिड अनाज प्रति एकड़ 35 क्विंटल पैदा कर रहे हैं पर हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि हमारे पोशक और मोटे अनाज कोदो, कुटकी विलुप्त न हो जाएं। उसकी गुणवत्ता को बनाए रखना, विलुप्त होने से बचाने का काम किसान ही कर सकता है। उन्होंने महिलाओं को कृषि की ओर कदम बढ़ाने पर प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कृषि की ओर हम आगे बढ़ रहे हैं। कृषि सबसे बड़ा रोजगार देने वाला साधन है। हम अधिक से अधिक महिलाओं को खेती से जोड़े, इससे सबका भला होगा। उन्होंने कहा कि हम अपने लिए बीमा करते हैं पर अपनी खेती, अपने कृषि उपकरण के बारे में नहीं सोचते। हमें अपने कृषि उपकरण, अपनी खेती का बीमा जरूर करना चाहिए ताकि हमें क्षतिपूर्ति मिल सके। कार्यक्रम को आकाशवाणी अंबिकापुर के कार्यक्रम प्रमुख प्रमेंद्र कुमार ने संबोधित किया और रेडियो किसान दिवस के साथ आकाशवाणी अंबिकापुर द्वारा कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम किसानवाणी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम को कृषि कृषि महाविद्यालय व अनुसंधान केंद्र अजिरमा के अधिष्ठाता डा एसके सिन्हा ने संबोधित किया। उन्होंने मक्के की खेती पर विस्तार से जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र अंबिकापुर के प्रभारी डॉ राजेश चौकसे ने प्राकृतिक खेती पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की। पशु चिकित्सक व सहायक परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सरगुजा डॉ. सीके मिश्रा ने बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान से होने वाले लाभ और यहां का नवाचार पूरे प्रदेश में लागू होने की जानकारी प्रदान की। युवा कृषक हर्षित शुक्ला ने नवीनतम कृषि उपकरणों व खेती की नई तकनीक से अवगत कराया। प्रगतिशील किसान नीलम शर्मा ने खेती की नई तकनीक व टपक सिंचाई से सरसों की खेती से संबंधित जानकारी दी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन लाइवलीहुड के माध्यम से सफलता प्राप्त करने वाली सीमा व सरस्वती ने कार्यक्रम में सफलता की कहानी बताई। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। सरस्वती वंदना आकाशवाणी के चौपाल अनुभाग के देवेंद्र दास सोनवानी ने प्रस्तुत की।देशभक्ति गीत की प्रस्तुति आकाशवाणी के कंपेयर अंजनी कुमार पांडेय ने दी। कार्यक्रम में आए अतिथियों का चौपाल अनुभाग के सभी कंपेयर ने पुष्प गुच्छ से सम्मानित किया। सभी का शाल श्रीफल से कार्यक्रम प्रमुख प्रमेंद्र कुमार ने अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन चौपाल अनुभाग से जुड़े प्रशांत खमरिया ने किया। आभार प्रदर्शन आकाशवाणी अंबिकापुर के उप निदेशक अभियांत्रिकी शांति रंजन दत्ता ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में कृषि उपसंचालक डा अरुण सिंह,डा अजय अग्रवाल, सरगंवा की सरपंच मीना हरिना, उप सरपंच मनीष ली, डॉ. प्रशांत कुमार शर्मा, सरगंवा के प्रभारी प्राचार्य संजीव सिंह, व्याख्याता दिनेश सिंह, मशरूम खेती करने वाली महिला कृषक निशा लकड़ा, नवाचारी कृषक गजला प्रवीन, पशु चिकित्सा विभाग से उमेश कुशवाहा, वाड्रफनगर के नवाचारी कृषक रामलाल लहरे,कृषि अधिकारी एनके आइच, आकाशवाणी से जुड़े अनंगपाल दीक्षित, वशिष्ठ सिंह यादव ,एस धर्मेंद्र नायडू, अंजुम शमीम, धनंजय मिश्रा ,विनितेश गुप्त, कृष्णानंद तिवारी सहित काफी संख्या में आकाशवाणी से जुड़े लोग व सरगंवा हायर सेकेंडरी स्कूल के व्यावसायिक पाठ्यक्रम कृषि से जुड़े सैकड़ो छात्र व ग्रामीण उपस्थित थे। जैविक और प्राकृतिक खेती पर दिया जोर रेडियो किसान दिवस पर जुटे कृषि विज्ञानियों, प्रगतिशील किसानों ,अधिकारियों ने जैविक और प्राकृतिक खेती पर जोर दिया है। सभी ने चिंता जताई कि वर्तमान समय में जिस तरह रासायनिक दवा, रासायनिक उर्वरकों का उपयोग हो रहा है उससे मानव का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। अधिक उत्पादन तो हो रहा है पर उसकी गुणवत्ता गायब है, इसलिए सभी ने जोर दिया कि अब समय पुन: प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर लौटने का है।