क्यों मनाई जाती है राम नवमी?, जानिए...शुभ मुहूर्त

भगवान श्री राम सृष्टि के रचयिता भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं. धार्मिक मान्यताएं कहती हैं कि भगवान श्री राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इसलिए हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी मनाई जाती है। राम भक्तों को इस त्योहार के आने का बेसब्री से इंतजार रहता है. इस बार रामनवमी आज मनाई जाएगी. इस खास मौके पर भगवान श्री राम की विशेष पूजा-अर्चना करने की परंपरा है। इस दिन मां सिद्धदात्री की भी पूजा की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं रामनवमी से जुड़ी अहम बातें. रामनवमी क्यों मनाते हैं?- हर साल रामनवमी का त्यौहार भगवान श्री राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन घर और मंदिरों में भगवान की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान विष्णु ने भगवान श्रीराम के रूप में अवतार लिया था। भगवान राम ने राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर अवतार लिया। इसलिए चैत्र माह में रामनवमी पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। राम नवमी पर क्या करें?- रामनवमी के दिन भगवान श्री राम की पूजा करनी चाहिए। विशेष वस्तुओं का दान करना चाहिए. भगवान को पीले फूल अर्पित करें। पूजा के दौरान राम चालीसा का जाप करें। पूजा के अंत में आरती अवश्य करें। लोगों को प्रसाद बांटें. राम के वंशज कौन हैं?- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम की मृत्यु नहीं हुई थी बल्कि वे उनके शरीर के साथ वैकुंड चले गए थे। आधुनिक काल में मौर्य, सिसौदिया, कुशवाह, शाक्य और बैचल को राजपूत राजवंश माना जाता है। ये सभी भगवान राम के वंशज हैं. राम नवमी तिथि और शुभ मुहूर्त- पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 1:23 बजे शुरू हुई और 17 अप्रैल को दोपहर 3:14 बजे समाप्त होगी. ऐसे में आज यानी 17 अप्रैल को रामनवमी मनाई जा रही है.

क्यों मनाई जाती है राम नवमी?, जानिए...शुभ मुहूर्त
भगवान श्री राम सृष्टि के रचयिता भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं. धार्मिक मान्यताएं कहती हैं कि भगवान श्री राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इसलिए हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी मनाई जाती है। राम भक्तों को इस त्योहार के आने का बेसब्री से इंतजार रहता है. इस बार रामनवमी आज मनाई जाएगी. इस खास मौके पर भगवान श्री राम की विशेष पूजा-अर्चना करने की परंपरा है। इस दिन मां सिद्धदात्री की भी पूजा की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं रामनवमी से जुड़ी अहम बातें. रामनवमी क्यों मनाते हैं?- हर साल रामनवमी का त्यौहार भगवान श्री राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन घर और मंदिरों में भगवान की विधि-विधान से पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान विष्णु ने भगवान श्रीराम के रूप में अवतार लिया था। भगवान राम ने राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर अवतार लिया। इसलिए चैत्र माह में रामनवमी पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। राम नवमी पर क्या करें?- रामनवमी के दिन भगवान श्री राम की पूजा करनी चाहिए। विशेष वस्तुओं का दान करना चाहिए. भगवान को पीले फूल अर्पित करें। पूजा के दौरान राम चालीसा का जाप करें। पूजा के अंत में आरती अवश्य करें। लोगों को प्रसाद बांटें. राम के वंशज कौन हैं?- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम की मृत्यु नहीं हुई थी बल्कि वे उनके शरीर के साथ वैकुंड चले गए थे। आधुनिक काल में मौर्य, सिसौदिया, कुशवाह, शाक्य और बैचल को राजपूत राजवंश माना जाता है। ये सभी भगवान राम के वंशज हैं. राम नवमी तिथि और शुभ मुहूर्त- पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 1:23 बजे शुरू हुई और 17 अप्रैल को दोपहर 3:14 बजे समाप्त होगी. ऐसे में आज यानी 17 अप्रैल को रामनवमी मनाई जा रही है.