छत्तीसगढ़ के जागेश्वर यादव हुए पद्मश्री से सम्मानित

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई रायपुर। छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए काम करने वाले बिरहोर के भाई के नाम से प्रसिद्ध जागेश्वर यादव को देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने पद्मश्री से सम्मानित किया। इस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन्हें अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने उनके जीवन को प्रेरणादायक बताया। अपने सोशल मीडिया हैंडल X में बधाई संदेश में उन्होंने लिखा है कि - छत्तीसगढ़ के विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले बिरहोर के भाई श्री जागेश्वर यादव जी को महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया जाना पूरे प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है। उन्हें बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। आदिवासी उत्थान के लिए प्रतिबद्ध आपका सम्पूर्ण जीवन प्रेरणादायक और अनुकरणीय है। गौरतलब है कि जागेश्वर यादव का नाम 2024 के पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित हुआ था। जशपुर जिले के बिरहोर आदिवासियों के उत्थान के लिए बेहतर कार्य करने पर उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जागेश्वर यादव ने आदिवासियों को साक्षर करने और शिशु मृत्यु दर कम करने जैसे बड़े कार्य किए हैं।

छत्तीसगढ़ के जागेश्वर यादव हुए पद्मश्री से सम्मानित
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई रायपुर। छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए काम करने वाले बिरहोर के भाई के नाम से प्रसिद्ध जागेश्वर यादव को देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने पद्मश्री से सम्मानित किया। इस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन्हें अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने उनके जीवन को प्रेरणादायक बताया। अपने सोशल मीडिया हैंडल X में बधाई संदेश में उन्होंने लिखा है कि - छत्तीसगढ़ के विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले बिरहोर के भाई श्री जागेश्वर यादव जी को महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया जाना पूरे प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है। उन्हें बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। आदिवासी उत्थान के लिए प्रतिबद्ध आपका सम्पूर्ण जीवन प्रेरणादायक और अनुकरणीय है। गौरतलब है कि जागेश्वर यादव का नाम 2024 के पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित हुआ था। जशपुर जिले के बिरहोर आदिवासियों के उत्थान के लिए बेहतर कार्य करने पर उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जागेश्वर यादव ने आदिवासियों को साक्षर करने और शिशु मृत्यु दर कम करने जैसे बड़े कार्य किए हैं।