भारत से छह हज़ार श्रमिक अप्रैल-मई में पहुंचेंगे इसराइल

इस साल अप्रैल-मई महीने में भारत से क़रीब छह हज़ार श्रमिक इसराइल जाएंगे. इस बारे में इसराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जानकारी दी गई है. अक्तूबर 2023 से ग़ज़ा पर इसराइली हमलों के कारण इसराइल कामगारों की कमी की समस्या से जूझ रहा है. संघर्ष शुरू होने से पहले फ़लस्तीनी क्षेत्र से काफ़ी संख़्या में लोग इसराइल काम करने जाते थे. वेस्ट बैंक से क़रीब 80 हज़ार और ग़ज़ा से क़रीब 17 हज़ार लोग काम करने के लिए इसराइल जाया करते थे. मगर सात अक्तूबर के बाद से ये आवाजाही बंद है. भारतीय श्रमिकों को एयर शटल के ज़रिए सब्सिडी के तहत इसराइल ले जाया जाएगा. पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से बताया गया कि विदेशी श्रमिकों की सबसे बड़ी तादाद जल्द निर्माण क्षेत्र से जुड़े कामों को करने के लिए इसराइल पहुंचेगी. गवर्मेंट टू गवर्मेंट समझौते के तहत भारत से मज़दूर इसराइल भेजे जाएंगे. भारत की ओर से इन कामगारों को इसराइल भेजने की कोशिशें ऐसे वक़्त में तेज़ हुई हैं, जब 19 दिसंबर 2023 को इसराइली पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी से फ़ोन पर बात की थी और भारतीय मज़दूरों को जल्दी भेजने की गुज़ारिश की थी. ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस यानी एआईटीयूसी के जनरल सेक्रेटरी अमरजीत कौर ने द हिंदू से कहा, ये क़दम भारतीय आचरण के ख़िलाफ़ है. हम इसराइल से सीज़फ़ायर चाहते हैं. हम मज़दूरों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं. मज़दूर संगठन अब अदालत का रुख़ करने का सोच रहे हैं.(bbc.com/hindi)

भारत से छह हज़ार श्रमिक अप्रैल-मई में पहुंचेंगे इसराइल
इस साल अप्रैल-मई महीने में भारत से क़रीब छह हज़ार श्रमिक इसराइल जाएंगे. इस बारे में इसराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जानकारी दी गई है. अक्तूबर 2023 से ग़ज़ा पर इसराइली हमलों के कारण इसराइल कामगारों की कमी की समस्या से जूझ रहा है. संघर्ष शुरू होने से पहले फ़लस्तीनी क्षेत्र से काफ़ी संख़्या में लोग इसराइल काम करने जाते थे. वेस्ट बैंक से क़रीब 80 हज़ार और ग़ज़ा से क़रीब 17 हज़ार लोग काम करने के लिए इसराइल जाया करते थे. मगर सात अक्तूबर के बाद से ये आवाजाही बंद है. भारतीय श्रमिकों को एयर शटल के ज़रिए सब्सिडी के तहत इसराइल ले जाया जाएगा. पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से बताया गया कि विदेशी श्रमिकों की सबसे बड़ी तादाद जल्द निर्माण क्षेत्र से जुड़े कामों को करने के लिए इसराइल पहुंचेगी. गवर्मेंट टू गवर्मेंट समझौते के तहत भारत से मज़दूर इसराइल भेजे जाएंगे. भारत की ओर से इन कामगारों को इसराइल भेजने की कोशिशें ऐसे वक़्त में तेज़ हुई हैं, जब 19 दिसंबर 2023 को इसराइली पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी से फ़ोन पर बात की थी और भारतीय मज़दूरों को जल्दी भेजने की गुज़ारिश की थी. ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस यानी एआईटीयूसी के जनरल सेक्रेटरी अमरजीत कौर ने द हिंदू से कहा, ये क़दम भारतीय आचरण के ख़िलाफ़ है. हम इसराइल से सीज़फ़ायर चाहते हैं. हम मज़दूरों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं. मज़दूर संगठन अब अदालत का रुख़ करने का सोच रहे हैं.(bbc.com/hindi)