भीषण लू के कारण आंग सान सू ची को जेल से घर पर नजरबंदी में भेजा गया : म्यांमा

बैंकाक, 17 अप्रैलम्यांमा की सैन्य सरकार ने बुधवार को कहा कि अपदस्थ नेता आंग सान सू ची को भीषण लू के बीच स्वास्थ्य संबंधी कारणों से जेल से स्थानांतरित करके घर में नजरबंदी में रखा गया है। सैन्य सरकार ने पारंपरिक नववर्ष के दौरान इस सप्ताह तीन हजार से अधिक कैदियों को माफी दी है। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल जनरल ज़ॉ मिन तुन ने मंगलवार देर रात विदेशी मीडिया के प्रतिनिधियों को बताया कि सू ची (78) और उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति रहे विन मिंट (72) उन बुजुर्ग कैदियों में शामिल हैं जिन्हें तेज गर्मी के कारण जेल से घर में नजरबंदी में रखा गया है। हालांकि इस कदम के बारे में म्यांमा में सार्वजनिक तौर पर घोषणा नहीं की गई है। सू ची को घर में नजरबंद रखने का कदम ऐसे वक्त पर उठाया गया है जब सेना को लोकतंत्र समर्थकों और उनके जातीय अल्पसंख्यक गुरिल्ला बलों से लड़ाई में बड़ी हार का सामना करना पड़ रहा है। म्यांमा में 2021 में सेना ने निर्वाचित सरकार को बेदखल कर सत्ता अपने हाथ में ले ली और सू ची को कैद कर लिया था। सेना के इस कदम के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए थे जिसमें सेना ने लोकतंत्र व्यवस्था बहाल करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही जनता के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई की थी। देश की नेता सू ची राजधानी नेपीताव में मुख्य जेल के विशेष रूप से निर्मित प्रकोष्ठ में विभिन्न मामलों में 27 साल की जेल की सजा काट रही हैं। म्यांमा के मौसम विभाग ने कहा कि राजधानी में मंगलवार दोपहर को तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। पूर्व राष्ट्रपति विन मिंट म्यांमा के बागो क्षेत्र के ताउंगू में आठ साल की जेल की सजा काट रहे हैं। ऐसी खबरें भी आई हैं कि जेल में सू ची की तबियत बिगड़ रही है। पिछले वर्ष सितंबर में भी खबरें मिलीं कि सू ची को निम्न रक्तचाप की शिकायत है, उन्हें भूख नहीं लग रही और चक्कर आते हैं लेकिन उन्हें कारागार प्रणाली से इतर, बाहर से किसी भी तरह की इलाज की सुविधा मुहैया कराने से मना कर दिया गया था। हालांकि इन खबरों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी। लंदन में रहने वाले सू ची के छोटे बेटे किम एरिस ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्होंने सुना है कि उनकी मां बेहद बीमार हैं, उन्हें मसूड़ों में दिक्कत है और वह कुछ खा-पी नहीं पा रही हैं। एरिस लंदन में रहते हैं। उन्होंने कहा था कि म्यांमा की सैन्य सरकार पर उनकी मां और अन्य राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के लिए दबाव डाला जाना चाहिए।(एपी)

भीषण लू के कारण आंग सान सू ची को जेल से घर पर नजरबंदी में भेजा गया : म्यांमा
बैंकाक, 17 अप्रैलम्यांमा की सैन्य सरकार ने बुधवार को कहा कि अपदस्थ नेता आंग सान सू ची को भीषण लू के बीच स्वास्थ्य संबंधी कारणों से जेल से स्थानांतरित करके घर में नजरबंदी में रखा गया है। सैन्य सरकार ने पारंपरिक नववर्ष के दौरान इस सप्ताह तीन हजार से अधिक कैदियों को माफी दी है। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल जनरल ज़ॉ मिन तुन ने मंगलवार देर रात विदेशी मीडिया के प्रतिनिधियों को बताया कि सू ची (78) और उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति रहे विन मिंट (72) उन बुजुर्ग कैदियों में शामिल हैं जिन्हें तेज गर्मी के कारण जेल से घर में नजरबंदी में रखा गया है। हालांकि इस कदम के बारे में म्यांमा में सार्वजनिक तौर पर घोषणा नहीं की गई है। सू ची को घर में नजरबंद रखने का कदम ऐसे वक्त पर उठाया गया है जब सेना को लोकतंत्र समर्थकों और उनके जातीय अल्पसंख्यक गुरिल्ला बलों से लड़ाई में बड़ी हार का सामना करना पड़ रहा है। म्यांमा में 2021 में सेना ने निर्वाचित सरकार को बेदखल कर सत्ता अपने हाथ में ले ली और सू ची को कैद कर लिया था। सेना के इस कदम के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए थे जिसमें सेना ने लोकतंत्र व्यवस्था बहाल करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही जनता के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई की थी। देश की नेता सू ची राजधानी नेपीताव में मुख्य जेल के विशेष रूप से निर्मित प्रकोष्ठ में विभिन्न मामलों में 27 साल की जेल की सजा काट रही हैं। म्यांमा के मौसम विभाग ने कहा कि राजधानी में मंगलवार दोपहर को तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। पूर्व राष्ट्रपति विन मिंट म्यांमा के बागो क्षेत्र के ताउंगू में आठ साल की जेल की सजा काट रहे हैं। ऐसी खबरें भी आई हैं कि जेल में सू ची की तबियत बिगड़ रही है। पिछले वर्ष सितंबर में भी खबरें मिलीं कि सू ची को निम्न रक्तचाप की शिकायत है, उन्हें भूख नहीं लग रही और चक्कर आते हैं लेकिन उन्हें कारागार प्रणाली से इतर, बाहर से किसी भी तरह की इलाज की सुविधा मुहैया कराने से मना कर दिया गया था। हालांकि इन खबरों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी। लंदन में रहने वाले सू ची के छोटे बेटे किम एरिस ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्होंने सुना है कि उनकी मां बेहद बीमार हैं, उन्हें मसूड़ों में दिक्कत है और वह कुछ खा-पी नहीं पा रही हैं। एरिस लंदन में रहते हैं। उन्होंने कहा था कि म्यांमा की सैन्य सरकार पर उनकी मां और अन्य राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के लिए दबाव डाला जाना चाहिए।(एपी)