30 गांवों ने किया चुनाव का बहिष्कार, लगाए गए बैनर-पोस्टर गायब

गरियाबंद। उदंती अभ्यारण्य के भीतर बसे 30 से भी ज्यादा गांव में अचानक गायब हो गए चुनावी बैनर पोस्टर, चुनाव बहिष्कार के लिए बैठकों का दौर भी शुरू हो गया. ग्रामीणों का आरोप है कि 20 साल से मूलभूत सुविधाओं की मांग के लिए जूझ रहे इस बार मतदान नहीं करेंगे. वहीं इसपर प्रशासन का दावा है कि चुनाव बहिष्कार नहीं होगा, मांगे पुरी की गई है. उदंती सीता नदी अभ्यारण के भीतर बसे कई गांव में इन दिनों चुनाव बहिष्कार को लेकर बैठकों का दौर शुरू है. प्रशासन के लाख समझाइए और जागरूकता अभियान के बावजूद कई गांव आज भी चुनाव बहिष्कार के लिए अड़ा हुआ है. अमित तुकाराम कांबले एस पी गरियाबंद ने बताया कि पिछले चुनाव में मिली अनुभव को देखते हुए इस बार सर्चिंग बढ़ा दी गई है. संवेदनशील इलाकों का चिन्हांकन किया गया है. गांव-गांव में हमारे फोर्स पहुंचकर मतदान के पहले भयमुक्त और विश्वास का माहौल बना लेंगे. मतदान तिथि तक हम लोगों के मन से डर हटाकर विश्वास और भयमुक्त वातावरण तैयार करने में सफल रहेंगे.

30 गांवों ने किया चुनाव का बहिष्कार, लगाए गए बैनर-पोस्टर गायब
गरियाबंद। उदंती अभ्यारण्य के भीतर बसे 30 से भी ज्यादा गांव में अचानक गायब हो गए चुनावी बैनर पोस्टर, चुनाव बहिष्कार के लिए बैठकों का दौर भी शुरू हो गया. ग्रामीणों का आरोप है कि 20 साल से मूलभूत सुविधाओं की मांग के लिए जूझ रहे इस बार मतदान नहीं करेंगे. वहीं इसपर प्रशासन का दावा है कि चुनाव बहिष्कार नहीं होगा, मांगे पुरी की गई है. उदंती सीता नदी अभ्यारण के भीतर बसे कई गांव में इन दिनों चुनाव बहिष्कार को लेकर बैठकों का दौर शुरू है. प्रशासन के लाख समझाइए और जागरूकता अभियान के बावजूद कई गांव आज भी चुनाव बहिष्कार के लिए अड़ा हुआ है. अमित तुकाराम कांबले एस पी गरियाबंद ने बताया कि पिछले चुनाव में मिली अनुभव को देखते हुए इस बार सर्चिंग बढ़ा दी गई है. संवेदनशील इलाकों का चिन्हांकन किया गया है. गांव-गांव में हमारे फोर्स पहुंचकर मतदान के पहले भयमुक्त और विश्वास का माहौल बना लेंगे. मतदान तिथि तक हम लोगों के मन से डर हटाकर विश्वास और भयमुक्त वातावरण तैयार करने में सफल रहेंगे.